“सक्षमता के साथ कार्य में सफल होने के लिये व्यवहारीक कुशलता बहुत जरुरी है” – राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी उषा दीदी, माउंट आबू
Caring the WARMTH से अर्थात किशोर, प्रजनन और रजोनिवृत्ती उम्र की देखभाल करने वाली महिलाओं को खुश और स्वस्थ रखने के लिये उपचार प्रदान करना। सम्मेलन में माउंट आबु से पधारे आतंरराष्ट्रिय वक्ता आदरणीया राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी उषा दीदी जी, प्रमुख अतिथी, जस्टिस वृषाली जोशी, Judge High Court of Mumbai, Nagpur Branch, Nagpur, श्रीमती प्रगती पाटील, सोशल वर्कर, नई दिल्ली से भ्राता डॉ मोहित गुप्ता जी, डायरेक्टर जी.बी. पंथ हॉस्पिटल, मुंबई से बी.के. ई. वी. गिरीश, लाइफ कोच, मोटिवेशनल स्पिकर, डॉ सुषमा देशमुख, प्रेसिडेंट, NOGS नागपुर क्षेत्र की संचालिका राजयोगिनी बी.के. रजनी दीदी जी, नागपुर क्षेत्र की सहसंचालिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी बी.के. मनिषा दीदी आदि उपस्थित थे।
ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी ने जीवन उत्सव हो का आशिर्वाद दिया
शिवानी दीदी जी ने कहा जीवन को एक उत्सव की तरह मनाना चाहिए उन्होंने कुछ विशेष वाक्य उचारे जो आत्मीक स्थिती में टिकने के लिए थे। जैसे की मेै पवित्र आत्मा, निस्वार्थ बेदाग, शांती मेरा संस्कार है, मै शांत स्वरुप आत्मा हूॅं, खुद को याद दिलाए, शांती मेरा स्वभाव है, मै शक्तिषाली आत्मा हूॅ, असंभव को संभव करनेवाली, हर परिस्थिती का सामना करने वाली, मुश्किल परिस्थिती को छोटा करनेवाली, मेरा घर स्वर्ग है, आदि यह संकल्प सबको करने के लिए कहा।
दिनचर्या में आनेवाली परिस्थिती में जिस तरह का संकल्प हम करते है उससे हमारे घर का वायुमंण्डल बनता है। जैसे जल्दी करो, लेट हो रहा है, इस तरह के संकल्पों मे इनर्जी वेस्ट होती है। परंतु रोज एैसे शब्द युज करने की वजह से हमरा यह संस्कार सामान्य हो गया है। विषेष किसी स्थान पर जाते जैसे के मंदिर, मस्जिद, गुरुव्दारे वहा हाय वाइब्रैशन रहता है, वहा सुकुन सा महसूस होता है, अच्छा लगता है। वहा जाकर अच्छा क्यो लगता है। वाइब्रैशन वहा के किसने अच्छे बनाए। फिर घर की वाइब्रैशन कौन बनाता है। घर की, दुकान की वायब्रेषन कौन बनाता है? जो रहनेवाले है वही बनाते है, मॉल में जाकर अलग वाइब्रैशन, फिल्म थेएटर में अलग वाइब्रैशन, घर में रहते तब अलग वाइब्रैशन बनाते है और उसका वायब्रेषन रहनेवालो पर ही पडता है।
ब्रह्माकुमारीज् विश्व शांति सरोवर, जामठा में भारत भुमी को नशा मुक्त बनाने के लिये भारत सरकार के सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्रालय और ब्रह्माकुमारीज् द्वारा चलाया जा रहा ”नशामुक्त भारत अभियान” का विदर्भ स्तरीय लॉंचिंग कार्यक्रम सम्पन्न हुआ।
नशामुक्ति के बारे में जागरुकता पैदा करने तथा उसके दुष्प्रभाव के प्रति जागरुकता पैदा करने ताकी हम वर्तमान और भावी पीढी को इस दलदल से बचा सके। जो लोग नशा छोडना चाहते है, उन्हें सहयोग करने, उन्हें प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रुपसे प्रेरीत करने ब्रह्माकुमारीज् संगठन के राष्ट्रव्यापी नेटवर्क की ताकत को, समाज के एक व्यापक वर्ग तक पहुचानें के लिये, ब्रह्माकुमारीज के मेडिकल विंग और सामाजिक न्याय और अधिकारीता मंत्रालय के बीच 4 मार्च 2023 को नई दिल्ली में समझौते पर ;डव्न्द्ध हस्ताक्षर किए गए। यह अभियान ब्रह्माकुमारीज व्दारा सभी राज्यो एवं केंद्र प्रशासिक प्रदेशों के 342 जिल्हों में लॉंच किया जाएगा आज इसका विदर्भ स्तरीय लॉंचिंग सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर डॉ. सुभाष चौधरी, वाइस चांसलर, राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज, नागपूर विद्यापीठ, श्री शरद चव्हाण, डीपी कमिश्नर समाज कल्याण वर्धा मंच पर उपस्थित थे। कार्यक्रम के आरंभ में नागपुर विभाग की संचालिका, राजयोगिनी बी.के. रजनी दीदी जी ने सभी आगंतुक मेहमानों का शब्दसुमनों से स्वागत किया।
“ आध्यात्मिकता से जीवन में कर्म में कुशलता तथा उत्कृष्टता….“ – ब्रह्माकुमारी आशा दीदी
प्रशासक वर्ग की अध्यक्षा राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी आशा दीदी ने प्रशासक वर्ग को संबोधित करते हुए कहा कि आज के मौजूदा हालात को देखते हुए लोगों ने अध्यात्म के महत्व को मानना शुरू किया है। जीवन को अच्छी तरह जी सके उसी का नाम स्प्रीच्युअल्टी है। उन्होंने कहा कि स्प्रीच्युअल्टी के लिये स्वयं को जानना अर्थात मैं कौन? उससे कनेक्ट रहना मैं अपने भाग्य का निर्माता स्वयं मै हू। आज जो लोग अपने जीवन में शांति चाहते हैं वह कहंा से मिलेगी ? प्रेम हमारी मुलभूत चीज है। उत्कृष्टता केवल व्यवसायिक स्तर पर सफल होनेे का नाम नहीं है, बल्कि मेरे हाथों से एैसा काम हो जिससे सबका कल्याण हो। हम एैसा कर्म करें जिससे हमारा जीवन सुखशांतिमय व तनावमुक्त हो। देना ही लेना है, आप जितना देते हैं उतना आपको प्राप्त होता है। जो देंगे वह आपको मिलेगा। प्रशासकों को निर्भय होना बहुत जरूरी है यह गुण स्प्रीच्युअल्टी से प्राप्त होगा। दूसरों से ब्लेसिंग पाने के लिये हमें काबिल बनना पडता है। ब्लेसिंग कठिन समय में हमें सहयोग देती है। आध्यात्मिकता से जीवन में यथार्थ निर्णय की कला विकसित होती है अतः आपको जीवन में धोखा खाने से बचाएगी। मूल्यों की धारणा से जीवन तनावमुक्त, निश्चिंत बनेगा आप में निमित्त और निर्मान भाव आयेगा।
विश्वशान्ति सरोवर, ब्रह्माकुमारीज में डॉ. रिचा जैन का 11 वा आयकॉन ऑफ विदर्भ-2023 वूमन पुरस्कार बांटे गए। यह नागपूर ब्रह्माकुमारीज में पहला अवसर था जो दुसरे संस्था के साथ मिलकर हारमनी हॉल में अवार्ड बांटे गए। इस कार्यक्रम में विषेष वक्ता के रुप में राजयोगीनी ब्रह्माकुमारी चक्रधारी दीदी, रषिया से पधारी थी। वरिष्ठ षिक्षिका है। बहुमुखी प्रतीभा की धनी है। तनाव मुक्त, सदाचारी संसार स्थापित करने का उददेष से काम कर रही है। उन्होंने युके, युएसए, फ्रांस, नेपाल, दुबई, जर्मनी, नैरोबी, सिंगापूर, आस्ट्रेलिया, मॉरिषस आदि देषो में जाकर लाखो भाई-बहनोंको परमात्मा का परिचय दिया।
सातवे आतराष्ट्रिय महिला साहस पुरस्कार से सम्मानीत राजयोगीनी ब्रह्माकुमारी चक्रधारी दीदीजी ने खुषहाल महिला, खुषहाल परिवार विषय पर भाषण ओमषांती की ध्वनी से की। और आगे कहा की जैसे चक्का एक धुरी पर घुमता है वैसेही महिला परिवार में एक धुरी है उस धुरी के इर्दगिर्द पूरा परिवार चक्कर लगाता है। आज महिलाओं को बहुत खुष होना चाहिए क्योंकी आज महिलाओं की जिम्मेवारी सिर्फ स्वयं खुष रहने की नही है बल्कि पूरे परिवार को खुष रखने की है। उनके उपर बहुत बडी जिम्मेवारी है। जैसे हम सफाई करते है तो देखते है कौनसी चीज रखनी है कौनसी चीज सुव्यवस्थीत रखनी है अगर ऐसा ना करे और कितनी ही सफाई करे तो उसका सौदर्य निखर नही सकता। इसीप्रकार मनुष्य का अपना जीवन सुखद बनाने के लिए कुछ ऐसी बाते है जो परिवार में लाने की आवष्यकता है और कुछ बाते परिवार से निकालने की आवष्यकता है।
‘‘जीवन में चुनौतीयां तो आनी ही है, लेकिन अपने मनोबल से चुनौतियों को भी चुनौती देकर इंसान अपने लक्ष की पा सकता है‘‘ ब्रह्माकुमार बी.के. सचिन परब
उन्होंने कहां कि हम जिंदगी भर कोई लेबल लेकर जीते है, इसको हीं हमे चॅलेंज करना है, हाथी को सिंपल रस्सी से बांधा है लेकिन वो रस्सी को तोडके नहीं जाता है। क्योंकि इसके दिमाग में है कि मै इस रस्सी को नहीं तोड सकता, जबकी हाथी पेड को खिचकर भी लेके जा सकता है। जब हाथी छोटा था तब वो बहुत कोशीश करता लेकीन वो तोड नहीं सकता, तो उसके सबकोन्शस माइंड में यह प्रोग्रामिंग हो गयी की वो तोड ही नहीं सकता। यहीं प्रोग्रामिग सभी के सामने बहुत बडी चुनौती होती है। वैसे ही उन्होने बम्बलबी मक्खी का चित्र दिखाते हुये कहां की यह बहुत मोटी होती है और उसके पंख बहुत छोटे होते है साइंटिस्ट कहेता है की यह अपने वजन की वजह से उड नहीं सकती परंतु वो उडती है उसके आत्मबल की वजह से। हम सबको बचपन में दुसरों के द्वारा कई मैसेज मिलते है। उसी के द्वारा हम अपने आपको बनाते रहते है। जीवन को आकार देनेवाला अपना ही नजरीया रहेता है। हमे जीवन मे सकारात्मकता अपनानी चाहिये। यदि हम कमजोर विचार करते है की मै फेल हो जाउंगा तो यहीं विचार व्यक्ती को कमजोर करते है।
विश्व शांति सरोवर में डॉक्टर ने गहन आत्म-शांति का अनुभव किया।
व्यस्त और तनावपूर्ण पेशेवर जीवन से समय निकालकर, डॉक्टरों और चिकित्सा पेशेवरों ने ब्रह्माकुमारीज् के मेडिकल विंग व्दारा आयोजित माईन्ड-बाॅडी-मेडिसीन सम्मेलन में सुखदायी अनुभव का आनंद लिया।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय ने जामठा के विश्व शांति सरोवर में एक दिवसीय राष्ट्रीय माईन्ड-बाॅडी-मेडिसीन सम्मेलन का आयोजन किया, जो आध्यात्मिक परिवेश से समृद्ध है।
सम्मेलन का उद्घाटन राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी जयंती दीदी, यूरोपियन डायरेक्टर, लंदन, बी.के. रजनी दीदी, संचालिका, ब्रह्माकुमारीज् नागपुर, बी.के मनीषा दीदी, उप-संचालिका, ब्रह्माकुमारीज् नागपुर, बी.के डाॅ बनारसीलाल शाह जी, सेक्रेटरी मेडिकल विंग, माउंट आबु, ब्रह्माकुमार डॉ. मोहित गुप्ता, कार्डियोलाॅजी और इंटरवेशनल कार्डिओलाॅजिस्ट, प्रोफेसर, जी.बी. पंत हाॅस्पिटल, दिल्ली, ब्रह्माकुमार डॉ. सचिन परब, प्रोफेशनल काउंसलर और काॅरपोरेट ट्रेनर, लाइफ कोच मुंबई, प्रो. ई. व्ही. स्वामीनाथन, मुंबई, मुल्य आधारीत समाज बनाने पर ध्यान केंद्रित करने परामर्शदाता एवं सलाहकार, प्रो. ई. व्ही. गिरीश, मुंबई, तथा डॉ. प्रकाश देव,
“ ब्रह्माकुमारी का यह प्रयास किसानो की आर्थिक स्थिती सुधारेगा ” भ्राता सुनील केदारजी, पशुसंवर्धन मंत्री
रविवार को विश्व शांति सरोवर,जामठा में आत्मनिर्भर किसान और आध्यात्मिक संग्रहालय का विधिवत उद्घाटन किया गया। सडक परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितीन गडकरी जी ने, ऑनलाइन उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में प्रमुख वक्ता के रुप में ब्रह्माकुमार राजू भाई, उपाध्यक्ष, कृषी एवं ग्रामविकास प्रभाग और ब्रह्माकुमारी राजयोगिनी सरला दीदी मेहसाना, अध्यक्षा, कृषी एवं ग्रामविकास प्रभाग गुजरात से पधारे थे । मुख्य अतिथि के रुप में भ्राता कृपालजी तुमाने, लोकसभा सदस्य (डच्) एवं भ्राता सुनील केदारजी, पशुसंवर्धन और दुग्ध व्यवसाय विकास मंत्री उपस्थित थे । साथ ही विशेष अतिथि के रुप में श्री मोहन जी मते, विधानसभा सदस्य, श्रीमती आर. विमलाजी, कलेक्टर, जिल्हा नागपुर, श्रीमती रश्मीजी बर्वे, अध्यक्ष, जिल्हा परिषद, नागपुर, श्री संदीप इटकेलवार जी, ट्रस्टी, नागपुर सुधार प्रन्यास, भ्राता रविन्द्र भोसले जी, संयुक्त निदेशक, कृषि नागपुर विभाग, बहन परिणीता फुके, भ्राता वाय. जी. प्रसाद, डायरेक्टर (ICAR ), सेन्ट्रल इंस्टीटयुट फॉर कॉटन रिसर्च, नागपुर मंच पर उपस्थित थे। . .
“यौगिक खेती महाराष्ट्र की देन है, किसान को अन्नदाता कहते है” … ब्रह्माकुमार राजयोगी राजुभाई, माउंट आबू
ब्रह्माकुमारीज व्दारा आयोजीत ‘शाश्वत यौगिक खेती एवं सम्पूर्ण ग्राम विकास का आधार आध्यात्मिकता’ कार्यक्रम विश्वशांती सरोवर, जामठा में सम्पन्न हुआ। इसमे महाराष्ट्र के पशुपालन मंत्री भ्राता श्री सुनिल बाबू केदार जी ने सम्मेलन का उद्घाटन किया। सबसे पहले झंडा वंदन ब्रह्माकुमार राजयोगी राजू भाई जी और ब्रह्माकुमारी राजयोगीनी सरला दीदीजी के हस्ते संपन्न हुआ। दिप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम की शुरवात की गई। हार्मनी हाॅल में सावनेर की कुमारीयो ने स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया। ब्रह्माकुमारी रजनी दीदीजी निर्देशिका विश्व शांति सरोवर ने सभी का शब्दसुमनों से स्वागत किया। इस कार्यक्रम में भारत वर्ष से ग्रामविकास प्रभाग के 260 सदस्य सम्मिलित हुए। उन्होंने बताया की इन सदस्यो ने नागपूर में आकर पिछले तीन दिनो में पुरे साल मे की जाने वाली जाने वाली कार्यक्रमों की रुपरेखा बनाई। ब्र. कु. सुनंदा दीदी नॅशनल काॅर्डिनेटर, मुख्य वक्ता ब्रह्माकुमार राजेश दवे जी आमदार कामठी टेकचंद सावरकर जी ने भाग लिया। भाग्यश्री बानाईत, डायरेक्टर रेशिम संचनालय, महाराष्ट्र, भ्राता मुनिश शर्मा जी, डायरेक्टर साॅईल कन्जरर्वेशन ऑफ इंडिया और रामभाई खर्चे, यौगिक खेती करनेवाले पहले किसान। जिल्हा परिषद अध्यक्ष सौ. रश्मी बर्वे भी उपस्थित थे। Continue. . . .
नागपुर, 22 सितम्बर 2019 – प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की ओर से जामठा स्थित विश्व शांति सरोवर, रिट्रीट सेंटर के प्रथम वर्धापन दिवस पर 22 सितम्बर, रविवार को सुबह नौ बजे ब्रह्माकुमारीज् की वरिष्ठ दादीजी, माऊंट आबू निवासी आदरणीय राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी ईशु दादी जी के आगमन पर उनका करतल ध्वनी एवं आतिशबाजी से स्वागत किया गया। इसी के साथ ब्रहमाकुमार प्रेमप्रकाश भाई का सत्तर वां जन्मदिन मनाया गया। इसी के साथ ब्रहमाकुमार आत्मप्रकाश भाई, राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी रजनी दीदी का भी स्वागत किया गया। सभी का तिलक, हार तथा पगडी पहेनाकर स्वागत किया गया। इस अवसर पर महापौर नंदा जिचकार, डीसीपी भ्राता गजानन राजमाने, भ्राता सुशील अग्रवाल, ब्रहमाकुमार भ्राता देवकुमार भाई, ब्रह्माकुमारी सीता दीदी-अमरावती, रूक्मिणी दीदी-अकोला, कुसुम दीदी-चंद्रपुर, लता दीदी-परतवाडा, कविता दीदी, भ्राता शरद निंबालकर-पुर्व कुलगुरु, प्रकाश भाई तळोले, संजय भाई-माऊंट आबू, इंदिरा दीदी, शक्तिराज भाई-माऊंट आब, प्रेमलता दीदी, आदि उपस्थित थे । Continue. . .
विश्व शांति सरोवर, जामठा में हुई इस कार्यशाला में शिक्षणाधिकारी माध्यमिक जिला परिषद एस एन पटवे मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थें। इस कार्यक्रम में प्राथमिक, माध्यमिक पाठशालाओं के प्रधानाचार्य, संचालक उपस्थित हुए। राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन मुंबई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. सचिन परब ने कार्यक्रम को संबोधित किया। यह कार्यशाला विशेष तंबाखू मुक्ति पर हुई। इस कार्यशाला का शुभारंभ अतिथि एन एस पतवे, नागपुर संचालिका बी. के. रजनी दीदी, सहसंचलिका बी. के. मनीषा दीदी, डॉ. बी. के. सचिन परब,
तथा बी. के. प्रेमप्रकाश भाई द्वारा हुआ। ” विषय पर विशेष कार्यशाला का आयोजन ३०/०७/२०१९ मंगलवार को किया गया। विश्व शांति सरोवर, जामठा में हुई इस कार्यशाला में शिक्षणाधिकारी माध्यमिक जिला परिषद एस एन पटवे मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थें। इस कार्यक्रम में प्राथमिक, माध्यमिक पाठशालाओं के प्रधानाचार्य, संचालक उपस्थित हुए। राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन मुंबई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर डॉ. सचिन परब ने कार्यक्रम को संबोधित किया। यह कार्यशाला विशेष तंबाखू मुक्ति पर हुई। इस कार्यशाला का शुभारंभ अतिथि एन एस पतवे, नागपुर संचालिका बी. के. रजनी दीदी, सहसंचलिका बी. के. मनीषा दीदी, डॉ. बी. के. सचिन परब, तथा बी. के. प्रेमप्रकाश भाई द्वारा हुआ।
विश्व शांति सरोवर, जामठा में हुई इस कार्यशाला में द्वारा हुआ।
खुशी जीवन की अनमोल उपलब्धी है, जिसे मानव साधन और पदार्थो में ढुंढ रहा है। बिग बाजार जैसे स्थान पर जहाॅं चप्पल से… चाॅकलेट तक, कपडो से… कंटेनर, गोलगप्पे से गलिचे तक… हर चीज को हम धन से खरीद कर खुशी प्राप्त करना चाहते। एक-एक स्टाॅल और शोकेस को पार करते हम सोचते हुये आगे बढते… मुझे यह चाहिये… यह चाहिये। और चाहिये, चाहिये की डिमांड बढती जाती है। इन सारी वस्तुओं को खरीदकर हमें सुविधा तो मिल जाती है लेकीन खुशी ? अल्पकाल के लिए वह भी मिल जाती है लेकीन थोडे दिनों में हम फिर से नई वस्तु को आवश्यक्ता समझ खुशी को तलाश करते है। कभी कभी तुलनात्मक दृष्टिकोन भी खुशी को गायब कर देता है। दुसरों से तुलना करके हम स्वयं की उपलब्धियों की खुशी भी गंवा देते हैं। वास्तव में खुशी एक एैसी शक्ति है जो व्यक्ति को सकारात्मकता और आत्मविश्वास से भर देती है। यह खुशी मानव जीवन का मुलभूत गुण है, विधाता का दिया हुआ वर्सा है जिसे हम दोनों मुट्ठीयों में कसकर बंद किये हुयें संसार के रंगमंच पर आते है। धीरे धीरे यह बंद मुट्ठीयाॅं खुलती जाती और खुशी बिखेरते आखिर छु मंतर हो जाती।
खुशी का आधार जीवन के अच्छे स्मृतियों का चिंतन है। कहा जाता है ‘जैसा चिन्तन, वैसा जीवन’। यदी कोई चक्की में चीनी पीसे तो चीनी बाहर निकलेगी। इसी प्रकार मानस पटल पर हम जिस प्रकार के विचारों को पीस रहे है, उसी प्रकार का अहसास अस्तित्व में फैल जाता है। खुशी एक शक्ति है जो व्यक्ति को सकारात्मकता और आत्मविश्वास से भर देती है।
ब्रह्माकुमारी द्वारा विद्यार्थीओं के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसका शीर्षक था ( राइज एंड शाईन ) कार्यक्रम का आयोजन विश्व शांति सरोवर ( रिट्रीट सेंटर जामठा ) में किया गया। इस कार्यक्रम में विभिन्न स्कूल तथा कॉलेज से ३०० से अधिक विद्यार्थीओ ने सहभाग लिया। बैरिन से आये बी.के. शिवलाल भाई ने इस कार्यक्रम को संबोदित किया, मंच संचालन बी.के मंजू बहन ने किया तथा आभार प्रदर्शन बी.के. शुभांगी बहन ने किया।
विश्व शान्ति सरोवर जामठा मे ब्रह्माकुमारी शिवानी ने ईमोषनल फिटनेस का महत्व बताया
इगो जितना हाय उतना इमोषनल हेल्थ डाऊन होता है। एक्पेक्टेषन के साथ भी इमोषनल हेल्थ को जोडा जा सकता है। हमारी मन की स्थिती खुद पर निर्भर है । एक्पेक्टेषन रखना मतलब जैसा हमने सोचा वही सही है। ऐसा क्यो होता है लोग हमारे अनुसार क्यो नही हो पाते है। दुसरो को हमारे दुःख का कारण मानते है इसलिए। किसी कार्यक्रम मेें फोन बंद रखना था पर नही किया, पर नही हुआ तो हम डिस्टर्ब हुए। तो मेरे मन के डिस्टर्ब का कारण कोई और नही, मै खुद हुआ। बहुत लोग बदलना चाहते है पर बदलने की ताकत नही है। आपने दुसरो को रिस्पाॅन्सिबल किया। तो उनके लिए प्यार के बदले हर्ट की एनर्जी जा रही है। दुसरों को हमारे दुःख का कारण बताया या बोला तो रिष्ते खराब होंगे। डिस्टर्बन्स हुआ तो ठिक कौन करेगा? एक फोन आया मन नाॅरमल होनेही वाला था तब ही थोडी देर बाद फिर दुसरा आया फिर मन नाॅरमल होने वाला था की और फोन आया तो यह दिन भर चलते रहता है तो डिस्टर्ब होने की आदत पड जाती हैै। बडे थके हुए मन से बडे बडे काम कर रहे है आज हम। आज डिप्रेषन इतना काॅमन हुआ है क्योकी इमोषनल हेल्थ डिस्टर्ब हुआ है। Continue
विश्व शांति सरोवर जामठा नागपुर मैं “बेसिक लाइफ सपोर्ट एंड इमरजेंसी नर्सिंग” के नाम से कार्यक्रम आयोजित किया गया. मुख्य ट्रेनर के रूप में चिप सिस्टर श्रीमती रोडे मैडम सुपर स्पेशलिटी से आए थे. तथा मुख्य अतिथि के रुप में भ्राता श्री गौरखेडेजी सेक्रेट्री त्रिपाठी नर्सिंग स्कूल से उपस्थित थे। रोडे मैडम ने एक मानव माध्यम से भी एक पेशेंट को इमरजेंसी ट्रीटमेंट कैसे दे यह प्रात्यक्षिक बताया. उन्होंने कहा कि इमरजेंसी नर्सिंग कोई भी दे सकता है, किसी भी ट्रेनिंग की या रजिस्ट्रेशन की जरूरत नहीं ऑक्यूपेशन की भी जरूरत नहीं रहती जागरूक नागरिकता के साथ साथ उस समय क्या करना है जरूरी है अभी घर में या रास्ते से जाते समय कोई भी व्यक्ति गिरते हुए दिखता है तब हम जीवन बचाने के लिए नर्सिंग दे सकते हैं.
तुरंत किया गया प्रयास बहुत ही महत्वपूर्ण बिंदु बनेगा
. इसके लिए उन्होंने प्रात्यक्षिक करके दिखाया उन्होंने कहा कि 24 परसेंट लोगों को अटैक आता है उस समय यह प्रक्रिया पता रहती है तो किसी की भी जान बचाई जा सकती है l ब्रह्मा कुमारी वर्षा दीदी ने स्पेशल सेशन लेते हुए नरसिंह फील्ड से आए हुए सभी को राजयोग का महत्व जीवन में कैसे अपनाएं और इसका लाभ पेशेंट को कैसे पहुंचा सकते हैं यह संक्षिप्त मैं बताया। उन्होंने मेडिटेशन के माध्यम से सुख शांति का अनुभव कराया। इस कार्यक्रम में नागपुर संचालिका ब्रम्हाकुमारी रजनी दीदी तथा मनीषा दीदी उपस्थित थे। रजनी दीदी जी सभी विद्यार्थियों को सर्टिफिकेट बांटकर उनका सम्मान किया तथा मंच संचालन डॉ. निर्मल चन्नेजी ने किया।